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अमानत राशि का वापस मिलना निर्वाचन विभाग की लापरवाही उजागर करती है:डॉक्टर रमेश कश्यप राष्ट्रीय अध्यक्ष मानव अधिकार भारत

 वर्ष 2018 में हुए निर्वाचन घोटाले में आशीष कश्यप द्वारा जमा किये 50 हजार की अमानत राशि का वापस मिलना निर्वाचन विभाग की लापरवाही उजागर करती है:डॉक्टर रमेश कश्यप राष्ट्रीय अध्यक्ष मानवाधिकार सहायता संस्थान भारत

मुंगेली/बिलासपुर- ये पुरा मामला मुंगेली जिले का है जहां वर्ष 2018 में विधानसभा/लोकसभा निर्वाचन के दौरान विडियोग्राफी का टेंडर आशीष कश्यप के फर्म को टेंडर मिला जिसके लिए तत्कालीन निर्वाचन अधिकारी द्वारा अनुमति प्रदान की गई। इस आधार पर वेंडर आशीष कश्यप ने अपने विडियोग्राफरों के साथ विधानसभा चुनाव का विडियो ग्राफी किया। जहां चुनाव संपन्न होने के बाद संबंधित अधिकारी द्वारा बकायदा प्रशस्ति पत्र प्रदान की गई। इस बीच तत्कालीन जिला निर्वाचन अधिकारी का स्थानांतरण अन्यत्र हो गया। जिसका गलत फायदा उठाते हुए उप जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा कुछ भ्रष्ट कर्मचारियों से मिली भगत उक्त विडियो ग्राफी का भुगतान किसी अन्य मिलते-जुलते फर्म को कर दिया गया। जिसकी जानकारी होने पर वेंडर आशीष कश्यप ने मामले की शिकायत कलेक्टर से की परंतु कई कलेक्टर बदल गये पर किसी कलेक्टर ने किसी तरह की कोई ठोस कार्यवाही नहीं की,जिसके बाद मुख्य निर्वाचन आयुक्त,मुख्यमंत्री के मुख्य सचिव व प्रधानमंत्री कार्यालय तक इसकी शिकायत की गई। तब भी भ्रष्ट अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के कान में  जूं तक नहीं रेंगा तब जाकर आरटीआई के माध्यम से जानकारी निकाली गई तब मामले में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। इसके बाद आशीष कश्यप के कान खड़े हो गए और उन्होंने मामले को हाईकोर्ट में याचिका के जरिए प्रस्तुत किया। हालांकि याचिका वर्षों से कोर्ट में लंबित है,क्योंकि ठोस सुबूत नहीं मिल रहे थे। वहीं जिसका हवाला देकर अधिकारी अब तक अमानत राशि देने से इंकार करते रहे।

अंततः सभी जगहों से थक-हारकर आशीष कश्यप ने डिप्टी सीएम एवं गृहमंत्री विजय शर्मा से मिलकर अपनी व्यथा बताई । जिस पर तत्काल कार्यवाही करते हुए  डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने मुंगेली कलेक्टर को निर्देशित किया कि विधानसभा चुनाव के दौरान 2018 में वेंडर आशीष कश्यप द्वारा जमा किए 50000 अमानत राशि की डीडी तत्काल वापस किया जाये।

वहीं दुसरे दिन वेंडर आशीष कश्यप को उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती मेनका प्रधान द्वारा उक्त डीडी प्रदान की गई। डीडी मिलने के बाद आशीष कश्यप ने राहत सांस ली है। वहीं अब यह भी स्पष्ट है कि जिला निर्वाचन विभाग मुंगेली में अमानत राशि वेंडर आशीष कश्यप के नाम जमा था। तो जायज है कि टेंडर आशीष कश्यप के फर्म को मिला होगा। क्योंकि जिस फर्म को मिलता है उन्ही फर्म की अमानत राशि रखी जाती है और बाकी वेंडरों द्वारा जमा राशि वापस कर दी जाती है। परंतु भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों द्वारा जालसाजी कर किसी अन्य को करोड़ों का भुगतान कर दिया गया। फिलहाल मामला कोर्ट में लंबित है।

इस पूरे मामले को लेकर आवेदक ने न्यायालय मुंगेली जिले के तत्कालीन उप जिला निर्वाचन अधिकारी राजेश नशीने,तत्कालीन इलेक्शन सुपरवाइजर व ऋषि राम देवांगन व महेन्द्र द्विवेदी सहित अन्य के खिलाफ याचिका दायर की है। 

  गौरतलब हो कि आशीष कश्यप मानवाधिकार भारत के संभागीय मिडिया प्रभारी है, जिससे वे मानवाधिकार संगठन से भी जुड़े हुए हैं। आशीष कश्यप को अमानत राशि का वापस मिलना मामले में नया मोड़ ला सकता है। जिसको लेकर मानवाधिकार सहायता संस्थान भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.रमेश कश्यप ने हर्ष व्यक्त करते हुए आशीष कश्यप को शुभकामनाएं दी हैं

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