Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

मध्यप्रदेश़/छत्तीसगढ के सभी जिलों में संवाददाता की आवश्यकता है इच्छुक व्यक्ति ही संपर्क करें 8085346036,6262661016 छत्तीसगढ़/मध्यप्रदेश के सभी जिलों में संवाददाता की आवश्यकता है इच्छुक व्यक्ति ही संपर्क करें 8085346036,6262661016

प्रकृति परीक्षण अभियान 25 दिसंबर तक कलेक्टर ने जिले के नागरिकों को प्रकृति परीक्षण कराने की अपील


प्रकृति परीक्षण अभियान 25 दिसंबर तक
कलेक्टर ने जिले के नागरिकों को प्रकृति परीक्षण कराने की अपील


मुंगेली 17 दिसंबर 2024// प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा 29 अक्टूबर को नवम आयुर्वेद दिवस के अवसर पर देशव्यापी प्रकृति परीक्षण अभियान का शुभारंभ किया गया है। इस अभियान के अन्तर्गत आयुर्वेदिक चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े शासकीय एवं निजी चिकित्सकों, शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं द्वारा 18 वर्ष से अधिक आयु वाले नागरिकों का प्रकृति परीक्षण किया जाएगा। कलेक्टर श्री राहुल देव ने जिले के अधिक से अधिक नागरिकों को इस अभियान से जुड़कर अपने समीपस्थ आयुर्वेद औषधालय में आयुर्वेद चिकित्सक से प्रकृति परीक्षण कराने की अपील की है। 
      ज़िला नोडल आयुर्वेद अधिकारी डॉ पी.एस.ठाकुर ने बताया कि परीक्षण के लिए मोबाइल से प्रकृति परीक्षण ऐप को इंस्टॉल करना होगा। इस ऐप में आपकी प्रकृति के अनुरूप स्वस्थ दिनचर्या, ऋतुचर्या की जानकारी प्राप्त होते रहेगी, जिससे जीवनशैली जन्य रोगों से बचा जा सकेगा। इस अभियान के तहत देश के नागरिकों की प्रकृति मैपिंग करने के बाद नीति निर्धारण और बुनियादी अनुसंधान करने के लिए एक बहुत बड़ा डेटा प्राप्त होगा। जिसके आधार पर सीएसआईआर एवं सी सीआर एस (सेंट्रल काउंसिल ऑफ रिसर्च इन आयुर्वेदिक साइंस) जैसे अनुसंधान के केन्द्रों द्वारा मौलिक शोध कार्य किया जाएगा। यह अभियान जहां देशवासियों को स्वस्थ रखने हेतु कारगर साबित होगा, वहीं 2047 विकसित भारत के लक्ष्य पूर्ति में भी कारगर साबित होगा। 
      ज़िला नोडल आयुर्वेद अधिकारी डॉ पी.एस.ठाकुर ने बताया कि परीक्षण के लिए मोबाइल से प्रकृति परीक्षण ऐप को इंस्टॉल करना होगा। इस ऐप में आपकी प्रकृति के अनुरूप स्वस्थ दिनचर्या, ऋतुचर्या की जानकारी प्राप्त होते रहेगी, जिससे जीवनशैली जन्य रोगों से बचा जा सकेगा। इस अभियान के तहत देश के नागरिकों की प्रकृति मैपिंग करने के बाद नीति निर्धारण और बुनियादी अनुसंधान करने के लिए एक बहुत बड़ा डेटा प्राप्त होगा। जिसके आधार पर सीएसआईआर एवं सी सीआर एस (सेंट्रल काउंसिल ऑफ रिसर्च इन आयुर्वेदिक साइंस) जैसे अनुसंधान के केन्द्रों द्वारा मौलिक शोध कार्य किया जाएगा। यह अभियान जहां देशवासियों को स्वस्थ रखने हेतु कारगर साबित होगा, वहीं 2047 विकसित भारत के लक्ष्य पूर्ति में भी कारगर साबित होगा। 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ