10 लाख की नाली,महिनेभर में होने लगी धराशाई,गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल...
ये पुरा मामला मुंगेली जिले के जनपद पंचायत पथरिया अंतर्गत ग्राम रामबोड़ की है। जहाँ ग्राम में मनरेगा और पंद्रहवें वृत्त की राशि से सेग्रीगेशन से बेदराम साहू के घर तक 10 लाख की लागत से नाली का निर्माण कराया है। परंतु इसमें गुणवत्ता का बिलकुल भी खयाल नहीं रखा गया साथ ही लेबल तो ऐसा कि पानी कहीं से न आ सके और न कहीं जा सके। बात करे गुणवत्ता की तो सबसे पहले बेस की बात करते जहां कुछ है ही नहीं, सीधे तौर पर बिना गढ्ढे खोदे उपर में ही स्लेप के उपर डेनेज ढाल दिया गया है। निर्माण के दौरान नाली ढलान का कोई खयाल नहीं रखा गया साथ ही लेबल का ध्यान नहीं रखा गया जिससे बाहरी पानी नाली में नहीं जा सकेगा। जिससे नाली बनाने का कोई औचित्य ही नहीं बनता। इस तरह पंचायत द्वारा शासन का लाखों रूपये व्यर्थ में ही खर्च कर दिए गए।
गलत तरिके से निर्माण -नाली निर्माण के दौरान जमीन के लेबल पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। जहाँ जमीन को खोदे बगैर सीधे जमीन के उपर ही नाली निर्माण कर दी गई है जिसके चलते ड्रेनेज दोनों तरफ से झुककर टुटने लगे हैं। ऐसे लग रहा जैसे उक्त नाली शासन को चूना लगाने बना दिया हो।
माहभर में ही जगह-जगह से टुटने लगे -ग्रामीणों की माने तो उक्त नाली का निर्माण करिब माहभर पहले किया गया है। और अभी से ही जगह-जगह से ड्रेन टुटने लगे हैं इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उक्त निर्माण में किस स्तर पर कार्य किया गया है।
गलत जगह का चयन - ग्रामीणों की माने तो उक्त नाली निर्माण के लिए गलत जगह का चयन किया गया है। सीधे तौर पर कहा जाए तो उक्त नाली का उपयोग ही नहीं है,जहाँ पर किसी भी मकान से पानी की निकासी नहीं होती और न ही कहीं से उक्त नाली में पानी आने की संभावना है। तो उक्त स्थान पर नाली निर्माण करने का कोई औचित्य ही नहीं है। यह व्यर्थ में शासन का पैसे का दुरुपयोग है।
उद्देश्य से विपरीत- ग्रामीणों की माने तो उक्त नाली का निर्माण तालाब से होने वाले ओवरफ्लो पानी को निकासी के लिए बनाया गया है। परंतु नाली का ढलान तालाब की तरफ बना हुआ है,जिससे कभी भी ओवरफ्लो का पानी नाली में आ ही नहीं सकता वहीं दुसरी देखा जाए तो बस्ती या खार से निकलने वाला पानी नाली में नहीं आ सकता क्योंकि नाली का लेबल उपर है।
जहाँ नाली की जरूरत उसे किया नजरअंदाज- ग्रामीणों ने बताया कि उक्त नाली को सड़क किनारे जहाँ से बस्ती के पानी की निकासी होती है वहां बनवाने की मांग की गई थी। परंतु ग्रामीणों की मांग को नजरअंदाज कर मनमाने तरिके से गलत जगह पर निर्माण कराया गया,जिसका कोई उपयोग ही नहीं है। उक्त नाली निर्माण को लेकर ग्रामीणों ने विरोध किया था पर ग्रामीणों की नहीं सुनी गई और मनमाने तरिके से निर्माण करा दिया गया।
◆ फिलहाल इस संबंध में संबंधित अधिकारी से जानकारी प्राप्त कर जल्द अगले अंक के साथ खबर प्रकाशित किया जायेगा.....
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